मप्र विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारियां तेज, 12 दिनों में होंगी 10 बैठकें

कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर सदन में हंगामे के आसार

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से प्रारंभ होने जा रहा है, जो 8 अगस्त तक चलेगा। इस 12 दिवसीय सत्र के दौरान कुल 10 बैठकें आयोजित की जाएंगी। सत्र में 2 अगस्त (शनिवार) और 3 अगस्त (रविवार) को अवकाश रहेगा। झमाझम बारिश के बीच होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हंगामें के आसार हैं। दरअसल, कांग्रेस कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। वहीं सत्तापक्ष भी विपक्ष के हर आरोप का जवाब देने को तैयार है।

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह सत्र प्रदेश के हित में बेहद उपयोगी और सार्थक रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से लाए गए विधेयकों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा और पक्ष-विपक्ष दोनों मिलकर राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। तोमर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि सभी दल सदन की गरिमा बनाए रखते हुए रचनात्मक बहस करें। इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मजबूत होगी।

अनुपूरक बजट पेश होगा
विधानसभा के मानसून सत्र में मोहन सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी। सरकार ने तय किया है कि बजट में केवल जनहित से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं, अनावश्यक खर्चों पर सख्ती बरती जाएगी। वित्त विभाग ने सभी विभागों से साफ कह दिया है कि अफसरों के लिए वाहन जैसी फिजूलखर्ची संबंधी प्रस्ताव न भेजें। इस सप्लीमेंट्री बजट में जनता से जुड़े कार्यों के लिए अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया जाएगा, ताकि विकास योजनाएं रुकें नहीं और प्रदेश के हित में प्रभावी क्रियान्वयन हो सके।

विधायक ने सरकार से पूछे 3377 सवाल

विधानसभा के मानसून सत्र के लिए पक्ष-विपक्ष के विधायकों की ओर से कुल 3377 प्रश्न सरकार से पूछे गए हैं। इनमें 1718 तारांकित एवं 1659 प्रश्न अतारांकित प्रश्न शामिल हैं। कई विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने सत्र के लिए निर्धारित अधिकतम सभी 40 प्रश्न लगाए हैं, जबकि कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस सत्र में एक भी सवाल नहीं लगाया है। विपक्ष के कुछ विधायकों के पास प्रश्नों की इतनी लम्बी सूची थी कि उन्हें सूची से 40 प्रश्नों की छटनी करनी पड़ी। उल्लेखनीय है कि विधानसभा के किसी भी सत्र की घोषणा के बाद विधानसभा से ही विधानसभा सचिवालय विधायकों को सूचना भेजकर ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रश्न आमंत्रित करता है। विधानसभा के किसी भी सदस्य द्वारा किस विभाग से संबंधित प्रश्न किन-किन तिथियों में लगाया जा सकेगा। विधानसभा के माध्यम से उस प्रश्न के उत्तर किस दिन प्राप्त हो सकेगा। सभी तिथियां पूर्व निर्धारित होती हैं। इसी क्रम में आगामी मानसून सत्र के लिए भी विभागवार तिथियों तय की गईं थी। विगत 11 जुलाई तक प्रश्न लगाने की अंतिम तिथि थी। हर दिन के लिए प्रत्येक विधायक को अधिकतम चार प्रश्न लगाने थे, जिसमें दो तारांकित और दो अतारांकित शामिल थे।

इन विधायकों ने लगाए सबसे ज्यादा सवाल

विधानसभा के 10 दिवसीय मानसून सत्र के दौरान हर दिन के हिसाब से सभी 4 प्रश्न (दो तारांकित-दो अतारांकित) लगाने वाले विधायकों में भाजपा, कांग्रेस और भाजपा विधायक भी शामिल हैं। जिन्होंने सभी 40 प्रश्न पूछे हैं, उनमें कांग्रेस के जौरा विधायक पंकज उपाध्याय, उप नेता प्रतिपक्ष अटेर विधायक हेमंत सत्यदेव कटारे, राघौगढ़ विधायक जयवर्दधन सिंह, भोपाल-उत्तर विधायक आतिफ अकील, भारतीय आदिवासी पार्टी के सैलाना से विधायक कमलेश्वर डोडियार और भाजपा के जाबरा से विधायक डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय और नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार शामिल हैं।

इन्होंने नहीं लगाया एक भी सवाल

कई ऐसे भी विधायक हैं, जिन्होंने इस बार मानसून सत्र के दौरान एक भी सवाल नहीं लगाया है। इनमें कांग्रेस के एक मात्र बड़वाह विधायक सचिन बिड़ला (भाजपा समर्थित) शामिल हैं। शेष सभी भाजपा विधायक हैं। भाजपा विधायकों में जावद विधायक ओमप्रकाश सखलेचा, महू विधायक ऊषा ठाकुर, इंदौर-2 से विधायक रमेश मेंदोला, महेश्वर विधायक राजकुमार मेव, ग्यारसपुर विधायक हरीसिंह रघुवंशी, बरघाट विधायक कमल मर्सकोले और जयसिंह नगर विधायक मनीषा सिंह शामिल हैं।