
भारी बारिश में अब तक ढाई सौ से ज्यादा लोगों की मौत, बाढ़ से बचाव के प्रयास जारी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में भारी बारिश से इन दिनों चौतरफा तबाही दिखाई दे रही है। यहां हर ओर पानी- पानी है। हजारों घर मलबे में तब्दील हो गए है। न बिजली है और न ही खाने की लिए राशन। लोगों का कहना है कि उनके पास कुछ बकरे और मुर्गे थे वो भी बारिश में बह गए। अब भूखे मरने की नौबत आ गई है। कई इलाकों में घर, खेत, खलिहान और बुनियादी बिल्डिंग तबाह हो गई हैं। बाढ़ की तबाही में अब तक ढाई सौ से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। लोगों को भय सताने लगा है कि कहीं 2022 के जैसा विनाशकारी बाढ़ ना आ जाए।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पाकिस्तान के बाबूसर हाईवे पर बचाव अभियान जारी है। यहां अचानक आई बाढ़ से 9 गांवों को प्रभावित किया है। पीओजीबी क्षेत्र के एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल फेयरी मीडोज़ से फंसे हुए पर्यटकों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। खैबर पख्तूनख्वा पर्यटन विभाग के अब्दुल समद ने कहा कि शुक्रवार रात बादल फटने के बाद भूस्खलन और सडक़ें बंद होने के बाद नारन से 500 से ज़्यादा पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया। मलबा हटाने और पहुंच मार्गों को फिर से खोलने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
पाकिस्तान के प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता अनवर शहजाद ने बताया कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले साल की तुलना में अति बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने चेताया है कि हिमनद झील बाढ़ की विस्फोट (जीएलओएफ) की संभावना बढ़ गई है। इसकी वजह से निचली इलाकों में भारी बाढ़ की संभावना है। मौसम विभाग ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि एक तरफ मूसलाधार बारिश दूसरी ओर उच्च तापमान दोहरी खतरा बढ़ गई है। लगातार उच्च तापमान से बर्फ और ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने की संभावना बढ़ गई है। इसकी वजह से मौसम संबंधी आपदाएं भी आ सकती हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान (पीओजीबी) में तो और भी बुरा हाल है। वहां की सरकार के प्रवक्ता फैजुल्लाह फिराक ने कुछ इलाकों में व्यापक तबाही की सूचना दी है। बताया जा रहा है कि घरें, बुनियादी ढांचे, कृषि भूमि और व्यवसायों को नुकसान भारी नुकसान हुआ है।
पीओजीबी में बाढ़ प्रभावित समुदायों को टेंट, भोजन और दवा सहित आपातकालीन आपूर्ति वितरित की है।
रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को बादल फटने से इस क्षेत्र में बाढ़ और भूस्खलन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई। 200 से ज्यादा पर्यटक अस्थायी रूप से फंस गए हैं। इलाके में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख ज़ाकिर हुसैन ने कहा कि मौसम संबंधी चेतावनियां जोखिम वाले क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या कम करने में मदद तो करती हैं, लेकिन ये हमेशा पर्याप्त नहीं होतीं। हुसैन ने अल जज़ीरा को बताया कि आम तौर पर, पर्यटक हमारी चेतावनी सूचनाओं पर ध्यान देते हैं। जो लोग फिर भी आना चुनते हैं, वे या तो वे होते हैं जिन्होंने चेतावनी नहीं देखी होगी या जिन्हें आने की कोई जल्दी होती है। इस साल का मानसून की बारिश से सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहा तो तबाही आना तय है। अब तक पूरे पाकिस्तान में 260 लोगों की जान जा चुकी है।
2022 में 1700 लोगों की जान चली गई थी
2022 की बाढ़ ने देश के एक तिहाई हिस्से को जलमग्न कर दिया था। इस तबाही में 1,700 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई थी। 3 करोड़ से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए थे। ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर सबसे ज़्यादा 7,000 से ज़्यादा ग्लेशियरों का घर होने के बावजूद, पाकिस्तान दुनिया के सबसे ज़्यादा जलवायु-संवेदनशील देशों में से एक बना हुआ है।
More Stories
पाकिस्तान को तेल भंडार का सपना दिखा रहे ट्रंप
वैज्ञानिकों ने खोजा ऐसा सूक्ष्मजीव, जो निकाल सकता है सोना
रुस का फिर कीव पर बड़ा हमला, कई स्कूल-इमारतें तबाह, कई लोग घायल