
विश्व हाइपरटेंशन दिवस (17 मई) की पूर्व संध्या पर भोपाल में आयोजित एक प्रेस वार्ता में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज मनोरिया एवं डॉ पीसी मनोरिया ने हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप को लेकर जागरूकता फैलाने की अपील की। इस वर्ष विश्व हाइपरटेंशन दिवस की थीम “Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, Live Longer” है।
डॉ. मनोरिया ने बताया कि हृदय रोग आज भी मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है और इसका सबसे बड़ा कारक हाइपरटेंशन है। भारत में लगभग 15 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, जिसमें शहरी इलाकों में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है।
उन्होंने बताया कि एक लोकप्रिय “50% नियम” के अनुसार, 50% लोगों को पता ही नहीं होता कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है और जो 50% जानते हैं, उनमें से भी कई लोग नियमित रूप से दवाएं नहीं लेते या डोज़ छोड़ते रहते हैं।
डॉ. मनोरिया ने कहा, “हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर है लेकिन इसका इलाज आसान और सस्ता है। इसका समय पर पता चलना और नियमित इलाज से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।” उन्होंने सलाह दी कि हर परिवार के पास एक इलेक्ट्रॉनिक ब्लड प्रेशर मॉनिटर होना चाहिए और नियमित अंतराल पर बीपी की जांच करनी चाहिए।
डॉ. मनोरिया के अनुसार, यदि उच्च रक्तचाप की निगरानी न की जाए तो यह दिल, किडनी, आंखें, मस्तिष्क और पैरों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने बीपी मापने के कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी साझा किए, जिससे गलत रीडिंग से बचा जा सके।
उन्होंने बताया कि सामान्य रक्तचाप 120/80 होता है. जबकि जब यह 130/80 से ऊपर हो जाए तो इसे हाइपरटेंशन माना जाता है, और यह सभी आयु वर्गों के लिए समान मान्य है। उन्होंने यह भी कहा कि हृदय गति जितनी कम होगी, हृदय उतना ही स्वस्थ रहेगा।
जीवनशैली, आनुवंशिक कारण और आधुनिक जीवन की मानसिक चुनौतियाँ भी हृदय रोगों के प्रमुख कारण हैं।
डॉ. मनोरिया ने कहा कि विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाने का उद्देश्य है लोगों को हाइपरटेंशन के खतरों से अवगत कराना और समय पर जांच व इलाज के लिए प्रेरित करना।
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