वाहन में बच्चे हैं और नियम तोड़ा तो दगुना लगेगा जुर्माना

परिवहन मंत्रालय नियमों की अनदेखी करने वालों पर कसेगा शिकंजा

नई दिल्ली। ट्रैफिक के नियमों को ठेंगा दिखाने वालों पर सरकार शिकंजा कसने जा रही है। इसके लिए सडक़ परिवहन मंत्रालय एक नया नियम लाने जा रहा है। यह नियम उन लोगों के लिए है जो बच्चों के साथ गाड़ी चलाते हैं। अगर ऐसे लोग ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, तो उन पर औरों से ज्यादा जुर्माना लगेगा। सरकार ड्राइवरों के लिए एक मेरिट और डिमेरिट (पॉजिटिव और नेगेटिव) पॉइंट सिस्टम भी शुरू करेगी। मतलब ट्रैफिक नियमों का पालन करने वालों को इनाम और अनदेखी करने वालों को सजा मिलेगी।

इस प्रस्ताव पर एक रोड सेफ्टी एक्सपर्ट का कहना है कि आज भी ट्रैफिक पुलिस सिर्फ कुछ ही अपराधों के लिए चालान काटती है, जैसे कि तेज गति, शराब पीकर गाड़ी चलाना, लाल बत्ती जंप करना, फोन का इस्तेमाल करना और सीट बेल्ट या हेलमेट न पहनना। जबकि मोटर व्हीकल एक्टमें 100 से ज्यादा अपराध शामिल हैं। नए नियम के तहत मेरिट और डिमेरिट पॉइंट सिस्टम में सरकार एक सीमा तय करेगी। अगर किसी ड्राइवर के नेगेटिव पॉइंट उस सीमा से ज्यादा हो जाते हैं, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द भी हो सकता है। इसका मतलब है कि अगर आप बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, तो आपका लाइसेंस रद्द हो सकता है। यह एक गंभीर सजा है। प्रस्तावित बदलावों में यह भी शामिल है कि अगर किसी ड्राइवर लाइसेंस शख्स ने ट्रैफिक नियम तोड़े हैं, तो उसे लाइसेंस रिन्यू कराने से पहले ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। यह नियम उन लोगों पर लागू होगा जिनके लाइसेंस की अवधि खत्म होने वाली है। इसका मतलब है कि अगर आपने पहले गलती की है, तो आपको दोबारा साबित करना होगा कि आप सुरक्षित गाड़ी चला सकते हैं।

मंत्रालय, मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव करने की सोच रहा है, इसका मकसद सडक़ों को सुरक्षित बनाना है। सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि लोग बच्चों के साथ गाड़ी चलाते समय नियमों का ध्यान नहीं रखते। स्कूल बसें भी अक्सर नियम तोड़ती हैं। जुर्माना बढऩे से लोग डरेंगे और नियमों का पालन करेंगे। इससे सडक़ दुर्घटनाएं कम होंगी। हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि सिर्फ नियम बनाने से कुछ नहीं होगा। अगर नियमों को ठीक से लागू नहीं किया गया, तो यह भ्रष्टाचार का एक और तरीका बन सकता है। मंत्रालय ने इंश्योरेंस प्रीमियम को भी ड्राइवरों के व्यवहार से जोडऩे का प्रस्ताव रखा है। इसका मतलब है, जो ड्राइवर अच्छे से गाड़ी चलाएंगे, उन्हें इंश्योरेंस प्रीमियम में छूट मिल सकती है। यह एक अच्छा प्रोत्साहन है, जो लोग सुरक्षित गाड़ी चलाते हैं, उन्हें इसका फायदा मिलेगा। इन सभी बदलावों का मकसद यही है कि लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करें और सडक़ें सुरक्षित रहें। सरकार चाहती है कि लोग अपनी जिम्मेदारी समझें और दूसरों की जान की परवाह करें। सडक़ सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है।

एक्सपर्ट उठा रहे सवाल
कुछ एक्सपर्ट ने सवाल खड़ा किया है कि नए प्रस्ताव के तहत कैमरे कैसे पहचानेंगे कि कार की पिछली सीट पर कोई नाबालिग बैठा है या नहीं? और क्या पुलिस वाले गाडय़िों को रोककर अंदर बैठे लोगों की उम्र चेक करेंगे? कानून बनाते समय हम पूरे भारत के बारे में नहीं सोचते, बल्कि सिर्फ दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बड़े शहरों के बारे में सोचते हैं। इसका मतलब है कि नियम बनाना आसान है, लेकिन उन्हें लागू करना मुश्किल है।