भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में आयुक्त की कार्यप्रणाली पर हंगामा

महापौर ने सदन से ही अधिकारी का किया ट्रांसफर, अनुदान को लेकर भी मुद्दा रहा गर्म
भोपाल। नगर निगम की गुरुवार की बैठक हंगामेदार रही। जहां सत्ता पक्ष ने उपलब्धिया गिनाई वहीं विपक्ष ने कई मुद्दों पर घेरा। आयुक्त की कार्यप्रणाली को लेकर भी जमकर हंगामा हुआ। महापौर मालती राय ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए सदन से ही एक अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया। इसके पहले नगर निगम 23वीं परिषद की बैठक वंदे मातरम गायन के साथ शुरू हुई। निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने ऑपरेशन सिंदूर में भारत के शौर्य का स्वागत किया। स्वच्छता सर्वेक्षण में एमपी के 8 शहरों के सूची में आने पर सीएम को बधाई दी। वाटर प्लस में 7 स्टार मिलने और स्वच्छता में भूमिका निभाने वाले निगम कर्मियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

विपक्ष के पार्षद ने की बजट के वार्षिक प्रतिवेदन देने की मांग की। विपक्ष ने भोपाल के नंबर दो आने पर बधाई दी। बारिश में सडक़ों में गड्ढे, जलभराव और सुलभ शौचालय में रेट बढ़ाने पर चर्चा की मांग की। नेता प्रतिपक्ष सबिस्ता जकी ने बजट के वार्षिक प्रतिवेदन नहीं दिए का मामला उठाया। बैठक समय सीमा में नहीं होने पर विपक्ष ने नाराजगी जताई। पुनरीक्षित बजट की फाइल पर सभापति के हस्ताक्षर नहीं होने भी आपत्ति ली।

पूर्व जोनल अधिकारी सत्यप्रकाश बडग़ैया को हटाया
सभापति और नेता प्रतिपक्ष के प्रस्तावित बजट को पास कराने पर जवाब मांगा मांगा। विपक्ष के पार्षद ने जन्म मृत्यु शाखा में दागी अधिकारी की पदस्थापना का मामला उठाया। इस पर महापौर ने जवाब दिया- अधिनियम में प्रदत्त शक्तियों को प्रयुक्त करने में सक्षम हैं। शक्तियों का प्रयोग करते हुए महापौर ने पूर्व जोनल अधिकारी सत्यप्रकाश बडग़ैया को हटाया। सदन से ही अधिकारी को महापौर ने ट्रांसफर किया।

आयुक्त के समर्थन में विपक्ष भी आया
निर्दलीय पार्षद पप्पू विलास ने आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोला। आयुक्त की कार्यप्रणाली पर सदन में हंगामा हुआ। उनके कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। पार्षद ने कहा – पार्षद, सांसद, विधायक भी आयुक्त से नाराज है। बहस के दौरान आयुक्त के समर्थन में विपक्ष भी आया।

विपक्ष ने कई संथाओं और पत्रकारों के नाम भी लिए
सामाजिक संस्थाओं को नगर निगम द्वारा दिए जाने वाले आर्थिक सहायता और अनुदान को लेकर भी मुद्दा गर्म रहा। विपक्ष ने कहा- सामाजिक संस्थाएं नगर निगम के राजस्व के अधिकार नहीं, सब लाभ के लिए काम कर रहे कर रहे है। नगर निगम जब सामाजिक संस्थाओं का ऑडिट नहीं करता तो क्यों निगम राजस्व को बांटना। महापौर मालती राय ने कहा कि यह सामाजिक कार्यों के लिए जरूरी है। विपक्ष ने कहा कि बीजेपी के नेताओं, अधिकारियों और पत्रकारों को सामाजिक संस्थाओं के नाम पर गलत तरीके से निगम का राजस्व बांटा जा रहा है। विपक्ष ने कई संथाओं और पत्रकारों के नाम भी लिए।