मध्यप्रदेश विधानसभा का यह सत्र भी बिना डिप्टी स्पीकर के होगा

 मप्र विधानसभा में पांच साल से खाली है उपाध्यक्ष की कुर्सी
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र कल 28 जुलाई से प्रांरभ हो रहा है। इस बार भी विधानसभा का सत्र बिना उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) के होगा। विधानसभा का यह महत्वपूर्ण पद पिछले साल से खाली है। बता दें कि नवंबर 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद बहुमत वाली कांग्रेस पार्टी ने जनवरी 2019 में डिप्टी स्पीकर का पद छोडऩे से इनकार कर दिया था। इसके बाद विपक्ष को यह पद आवंटित करने की 29 साल पुरानी परंपरा टूट गई थी। फिर मार्च 2020 में जब भाजपा सत्ता में आई तब से डिप्टी स्पीकर का पद खाली पड़ा है। मार्च 2020 तक कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान हिना लिखीराम कावरे विधानसभा की आखिरी डिप्टी स्पीकर थीं।

पिछले सवा पांच साल से विधानसभा उपाध्यक्ष का पद रिक्त है। इस दरमियान शिवराज सरकार का चौथा कार्यकाल पूरा हो गया और मोहन सरकार को सत्ता में आए 19 महीने से ज्यादा हो गए, लेकिन विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्ति नहीं हुई है। डिप्टी स्पीकर न सिर्फ अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में सत्रों की अध्यक्षता करता है, बल्कि जरूरी सदन समितियों का अध्यक्ष भी होता है। मीडिया गैलरी सलाहकार समिति और विधायकों के बीच समन्वय स्थापित करता है। विधायकों के वेतन-भत्तों के संशोधन के लिए बनाई गई समिति का नेतत्व भी वे ही करते हैं।

अधिकारियों का कहना है कि यह सबसे लंबा वक्त है जब मप्र विधानसभा बिना डिप्टी स्पीकर के चल रही है। नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने मध्य प्रदेश में 230 में से 163 सीटें जीतकर 5वीं बार सत्ता में वापसी की थी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी जातिगत संतुलन साधने के लिए भविष्य में किसी आदिवासी विधायक को विधानसभा उपाध्यक्ष बना सकती है। सरकार और संगठन में जातिगत संतुलन की बात करें, तो मुख्यमंत्री ओबीसी समुदाय से, डिप्टी सीएम ब्राम्हण व दलित, विधानसभा अध्यक्ष क्षत्रिय और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वैश्य समुदाय से हैं। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए विधानसभा की 230 में से 47 सीटें आरक्षित हैं। इसके अलावा करीब 50 सीटों पर एसटी वोटर चुनाव में निर्णायक भूमिका में हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी भाजपा आदिवासी वोट बैंक में ठीक से सेंध नहीं लगा पाई है, ऐसे में भविष्य में पार्टी किसी प्रभावशाली एसटी विधायक को विधानसभा उपाध्यक्ष बना सकती है।