
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने नवीन विधायक विश्राम गृह की आधारशिला रखी
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि आज जीपीटी और गूगल का जमाना है। ऐसे में सारे संसाधनों के साथ जब विधायक अपनी विधानसभा में बैठेंगे और विधानसभा में काम करने आएंगे, तो इस सारे तंत्र का और व्यवस्थाओं का लाभ भी लेंगे। इसलिए भोपाल में विधायक विश्राम गृह भी अच्छा होना चाहिए। इसलिये विधायकों के नये आवासों में स्वीमिंग पूल सहित हर प्रकार की सुविधायें मिलेंगी। मुख्यमंत्री डॉ यादव सोमवार को राजधानी में नवीन विधायक विश्राम गृह के द्वितीय चरण के निर्माण की आधारशिला रख रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भूमिपूजन के बाद शिलालेख अनावरण किया तथा भगवान श्रीराम और भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह, विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह और सचिव अरविंद दुबे मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि अरेरा हिल्स पर 102 फ्लैट के निर्माण पर सरकार 159.13 करोड़ रुपए खर्च करेगी। करीब 67 साल पुराने विधायक विश्राम गृह में विधायकों के लिए कई सुविधाओं का अभाव है। जर्जर हो चुके एमएलए रेस्ट हाउस में अब विधायकों को नए फ्लैट बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये विश्राम गृह नहीं, बल्कि सेवा ग्रह बनेगा। विजन डॉक्यूमेंट में हमारी पार्टी ने इसे शामिल किया था। दूसरे दलों की सरकारें लंबे समय रहीं, लेकिन विकास के मामले में आप सिंहावलोकन करेंगे तो शेर आगे बढऩे के लिए एक बार पीछे मुडक़र देखता है। हम आजादी की सौवीं वर्षगांठ की ओर बढ़ रहे है, तो सिंहावलोकन जरूरी है।
विधायक दायित्व का निर्वहन कर सकें इसलिए जरुरत पूरी हो-नरेंद्र सिंह तोमर
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विधायक जनता का प्रतिनिधि होता है, वह दायित्व का ठीक से निर्वहन कर सके, इसलिए उसकी आवश्यकता की पूर्ति होनी चाहिए। विधायक विश्राम गृह बहुत पुराना हो गया है। मैं भी एक आवास में रहता था, आज फोटो देखने पर पता चला कि वह 1958 में बना था। मेरा जन्म 1957 में हुआ था यानी उस समय मेरी घुटनों के बल चलने की स्थिति रही होगी। उन्होंने कहा कि ये प्रकल्प पूरा होगा तो विधायक और यहां काम के लिए आई जनता को बहुत प्रसन्नता होगी। हमारा राज्य काफी बड़ा और बड़ी आबादी वाला है। राज्य को नई ऊंचाइयां देने के लिए नई चुनौतियां हैं मुख्यमंत्री जी प्रदेश को नई ऊंचाई देने के लिए लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री जी के सामने कई प्रकल्प हैं, ऐसे समय में उन्होंने विधायक विश्राम गृह को स्वीकृति दी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा में नए नवाचार किए गए हैं। आने वाले समय में ई विधानसभा में तब्दील हो जाएगी, तो विधायकों को काम में आसानी होगी। विधायक विश्राम गृह के दूसरे चरण का काम भी जल्दी शुरू होगा
तकनीक से जुडक़र आगे बढ़ें विधायक वरना पीछे रह जाएंगे-कैलाश विजयवर्गीय
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि विधानसभा में कंप्यूटराइजेशन हो रहा है। तकनीक से जुडक़र विधायक नहीं चले, तो पीछे रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब हम पहली बार विधायक बने, तो 1989 से 2000 तक बस से आते थे। उस समय रोडवेज में आगे की सीट रिजर्व रहती थी। हम इंदौर से बस से पांच घंटे में भोपाल पहुंचते थे। उस समय कोई होता नहीं था। उस समय चार-पांच विधायकों के बीच एक कर्मचारी होता था। आज जमाना बदल गया है। आज सोशल मीडिया के लिए अलग स्टाफ है। गनमैन हर विधायक के पास है। आज समय की आवश्यकता के अनुसार नए आवास ग्रह की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि इस बार एमपी के 8 शहर स्वच्छता में अवॉर्ड लेकर आए।
18 महीने में बनकर तैयार होगा विश्राम गृह-राकेश सिंह
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि वर्तमान विधायक विश्राम गृह 66 साल पुराना है। इसलिए नए विश्राम गृह की जरूरत महसूस हो रही थी, जहां विधायक सरकार के संकल्पों को गढ़ सकें। केवल 18 माह में ये विधायक विश्राम गृह बनकर तैयार होगा। ये अग्नि रोधी, भूकंप रोधी होगा। उन्होंने कहा कि एमपी में इंफ्रास्ट्रक्चर की दृष्टि से नए कीर्तिमान गढ़े जा रहे हैं। मप्र उन राज्यों में जाना जाता है जहां पिछले कुछ सालों में सकारात्मक बदलाव हुआ है। स्वच्छता मध्य प्रदेश में जन आंदोलन बना। अब ये गति और तेज हो रही है। इस बार जब अहमदाबाद पहले नंबर पर आया, तब भोपाल दूसरे स्थान पर और जबलपुर पांचवें स्थान पर आया है।
More Stories
आईएएस नियाज खान बोले- भ्रष्ट भगवा धारी दूषित कर रहे सनातन को
भाजपा कार्यकर्ताओं में खोई ताकत लौटाने की कसरत
नशे से दूरी है जरूरी… मप्र पुलिस ने बनाया विश्व रिकॉर्ड