
इंदौर। आमतौर पर नवजात शिशु का जन्म के समय साढ़े 3 किलो तक वजन होता है। कुछ बच्चे 4 किलो से अधिक वजन के भी होते है, लेकिन इंदौर में मध्य प्रदेश का बाहुबली बच्चा यानी सबसे वजनी बच्चे का जन्म हुआ है। जिसका जन्म के ठीक बाद करीब 5 किलो 400 ग्राम वजन है। इसके पहले 2020 में मंडला जिले में 5 किलो 100 ग्राम का बच्चा पैदा हुआ था, लेकिन इंदौर में जन्म लिए बच्चे ने मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड बना दिया है। सबसे वजनी बच्चे का जन्म शासकीय पीसी सेठी अस्पताल में हुआ है। हालांकि देश में 6 किलो वजह के बच्चे का भी जन्म हो चुका है, जो देश का सबसे वजनी नवजात है।
डॉक्टरों का कहना है कि रतलाम के किसान नंदकिशोर पाटीदार की पत्नी रीटा पाटीदार पूरी तरह से स्वस्थ है। गर्भवती होने के बाद उसका ख्याल उसका पति और सास ही रखते थे। इस दौरान डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं और घर के खान-पान का विशेष ध्यान दिया गया था। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इतना वजनी बच्चा होगा, लेकिन जब बच्चे का जन्म हुआ तो उसका वजन देखकर पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। पिता नंदकिशोर बड़ी खुशी से बता रहे है कि बेटे ने आते ही नाम रोशन कर दिया।
शासकीय पीसी सेठी अस्पताल डॉ. कोमल विजयवर्गीय ने बताया कि इतने वजनी बच्चे का जन्म करवाना बहुत आसान नहीं था। इतने वजनी बच्चे सामान्य तौर पर तब होते है, जब मां डायबिटीज की मरीज होती है, लेकिन रीटा पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उसकी हाइट भी कम है, इसके बावजूद उसने इतने वजनी बच्चे को जन्म दिया है। बच्चे का जन्म ऑपरेशन से हुआ है, उसके लिए भी डॉक्टर्स को बहुत गहराई तक कट लगाना पड़ा, जो बिल्कुल भी आसान नहीं था। 5 किलो 400 ग्राम का यह बच्चा अब प्रदेश का ऑन रिकॉर्ड सबसे वजनी बच्चा हो गया है। रीटा ने पति नंदकिशोर से कहा था कि उनका बच्चा नाम रोशन करेगा और उसने पैदा होते ही माता पिता का नाम रोशन कर दिया।
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