
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश में रह रहे प्रवासी मजदूरों के लिये ममता की बारिश की है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमश्री योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, जो मजदूर दूसरे राज्यों से वापस बंगाल लौटना चाहते हैं, उन्हें 12 महीने तक या रोजगार मिलने तक 5,000 प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
ममता ने राज्य सचिवालय में पत्रकारों चर्चा करते हुयेे कहा कि श्रमश्री योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इसका उद्देश्य प्रवासी मजदूरों का पुनर्वास करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली मजदूरों पर योजनाबद्ध तरीके से हमले हो रहे हैं और उन्हें वहां से जबरन भगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 22 लाख प्रवासी मजदूर और उनके परिवार ऐसे उत्पीडऩ का सामना कर रहे हैं, विशेष रूप से उन राज्यों में जहां ‘डबल इंजन’ की सरकारें हैं।
22 अगस्त को पीएम के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी
इस राजनीतिक टकराव के बीच, ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 22 अगस्त को कोलकाता दौरे में शामिल न होने का निर्णय लिया है। पीएम मोदी कोलकाता में तीन मेट्रो प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करने वाले हैं। इसमें केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया था। ममता ने कहा है कि वे बीजेपी नेताओं के साथ मंच साझा नहीं करेंगी। इस घोषणा और बयानबाज़ी को चुनावी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे तृणमूल कांग्रेस राज्य में मजदूर वर्ग को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है।
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