
पार्टी जिला अध्यक्षों के लिये बना रही गाइडलाइन
भोपाल। सत्ता के साथ पार्टी में आए संक्रमण की रोकथाम के लिए अब भाजपा में पार्टी संगठन की सबसे महत्वपूर्ण इकाई जिलाध्यक्ष के पद पर और कसावट की जा रही है। कार्यकर्ताओं का मान बना रहे और जिला अध्यक्ष सत्ता और संगठन के बीच की मजबूत कड़ी बने, इसके लिए बाकायदा पार्टी की ओर से ‘क्या करें और क्या नहीं करना है’, मापदंड तय किये जा रहे हैं।
प्रदेश भाजपा की ओर से अधिकारिक रुप से कोई परिपत्र भले ना जारी किया गया हो, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की ओर से ये बता दिया गया है कि जिलाध्यक्षों की वर्किंग में कहां क्या बदलाव जरुरी है। पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने जिलाध्यक्षों से कहा है कि अगर कोई कार्यकर्ता ये कहता है कि जो जिलाध्यक्ष के साथ सांसद या विधायक के करीब है, उसका काम हो जाता है, लेकिन हमारा नहीं होता। ये संगठन के लिए चिंता की बात है। जिलाध्यक्षों को हिदायत दे दी गई है कि ट्रांसफर की फाइल लेकर मंत्रियों के दरवाजे अब ना पहुंचे।
भाजपा में जिलाध्यक्षों की क्लास
मध्य प्रदेश भाजपा में निजाम बदलने के बाद अब पार्टी संगठन में कसावट लाने पर जोर है। सबसे ज्यादा चिंता पार्टी में इस बात को लेकर है कि भाजपा में सत्ता और दलबदल के साथ जो संक्रमण आया, उसकी संभाल कैसे हो। जिस कार्यकर्ता के दम पर बूथ जीत लेने का दम भाजपा दिखाती है, उस कार्यकर्ता की खोई ताकत कैसे लौटाई जाए। पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने जिलाध्यक्षों से दो टूक कहा है कि यदि कोई कार्यकर्ता यह कहता है कि जो जिला अध्यक्ष, सांसद या विधायक के करीब है, उसका काम हो जाता है, लेकिन हमारा नहीं होता, तो यह संगठन के लिए चिंतनीय है। इस स्थिति की जिम्मेदारी जिला अध्यक्ष को लेनी होगी। उन्होंने जिलाध्यक्षों को जो वर्किंग गाइडलाइन दी है। उसमें स्पष्ट कहा है कि कार्यकर्ता से संवाद और उनकी समस्या का समाधान सबसे पहले होना चाहिए। जिलाध्यक्षों की सीएम मुख्यालय में हुई बैठक में गाइडलाइन बना दी गई है कि जिसमें खास जोर इस पर कि उन्हें क्या नहीं करना है।
जिलाध्यक्ष ट्रांसफर की फाइल से कर लें तौबा
सरकारी बैठकों में भी यूं भी जिलाध्यक्षों की मौजूदगी नहीं होनी चाहिए, लेकिन अब भाजपा ने सख्ती कर दी है और निर्देशित कर दिया गया है हर सरकारी बैठक में जिलाध्यक्ष की उपस्थिति नहीं होनी चाहिए। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि सरकारी योजनाओं से जुड़े काम को लेकर प्रभारी मंत्री से समन्व्य किया जाए। जिला अध्यक्ष, प्रभारी मंत्री के पास ट्रांसफर, परिवारजनों की नियुक्ति व निजी काम लेकर न जाएं। संगठन विस्तार पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि जिला अध्यक्षों का काम कार्यकर्ता का सम्मान सक्रियता और समन्वय है। जिलाध्यक्षों को हिदायत दी गई है कि प्रत्यक्ष संवाद जरुरी है। जिलों में वर्चुअली बैठक बंद करें। जिला अध्यक्ष वर्चुअली जुडऩे के बाद कैमरा ऑफ कर अन्य कार्य में व्यस्त हो जाते हैं।
पर्यवेक्षक बनायेंगे नियुक्तियों में समन्वय
प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने जिलाध्यक्षों को फिर हिदायत दी है कि आका का अंदाज छोड़ दें और पार्टी और विचार के लिए समर्पित होकर काम करें। उन्होंने परिवारवाद पर ब्रेक की बात कही और ये बताया कि अब जो नियुक्तियां होंगी, उसमें भी समन्वय के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
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