August 23, 2025

भोजन के तुरंत बाद चाय पीना हो सकता है नुकसानदेह

नई दिल्ली। भारत में कुछ लोग खाने के तुरंत बाद चाय की चुस्की लेना पसंद करते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह आदत सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है और पाचन से लेकर पोषण तक पर नकारात्मक असर डाल सकती है। चाय में मौजूद कैफीन और टैनिन पाचन की गति को धीमा कर देते हैं। इससे गैस, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। टैनिन भोजन से आयरन के अवशोषण में भी बाधा डालता है, जिससे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। यह खतरा खासतौर पर गर्भवती महिलाओं, किशोरों और शाकाहारी या वीगन आहार लेने वालों में अधिक होता है, क्योंकि इन्हें आयरन की जरूरत अधिक होती है।

चाय के विभिन्न प्रकारों का प्रभाव भी अलग-अलग हो सकता है। काली चाय और हरी चाय में टैनिन की मात्रा अधिक होती है, जो आयरन अवशोषण को काफी कम कर देती है। मसाला चाय में काली चाय के साथ दालचीनी, अदरक और लौंग जैसे मसाले होते हैं, जो पाचन में कुछ लाभ पहुंचा सकते हैं, लेकिन आयरन अवशोषण पर इसका असर फिर भी बना रहता है। खाने के तुरंत बाद चाय पीने से कई समस्याएं हो सकती हैं। चाय की पत्तियों में मौजूद प्राकृतिक अम्ल (एसिडिक तत्व) पेट के एसिड स्तर को बढ़ा देते हैं, जिससे जलन, गैस और असहजता महसूस हो सकती है। जिन लोगों को पहले से पेट की समस्याएं हैं, उनके लिए यह और ज्यादा हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, चाय में मौजूद कुछ तत्व भोजन के प्रोटीन को इस तरह बदल देते हैं कि उसका पाचन कठिन हो जाता है, जिससे पेट भारी लगना, सुस्ती और बदहजमी की शिकायत हो सकती है। टैनिन का एक और नकारात्मक असर यह है कि यह आयरन के अवशोषण को बाधित करता है। यदि आप आयरन से भरपूर आहार भी लें और तुरंत चाय पी लें, तो शरीर उस आयरन का पूरा लाभ नहीं उठा पाता। यह महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप से चिंता का विषय है, क्योंकि उनके शरीर में आयरन की आवश्यकता अधिक होती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि चाय पीना पूरी तरह बंद करने की जरूरत नहीं है, बल्कि सही समय का ध्यान रखना जरूरी है। भोजन के कम से कम 30 से 45 मिनट बाद चाय पीना सबसे अच्छा होता है। इस तरह न केवल पाचन बेहतर रहता है, बल्कि शरीर को भोजन से सभी जरूरी पोषक तत्व भी मिल पाते हैं। अगर चाहें तो इस समय अंतराल के बाद हर्बल चाय या कम कैफीन वाली चाय का सेवन भी किया जा सकता है, जो पाचन के लिए हल्की और शरीर के लिए कम हानिकारक होती है।