
इंदौर
इंदौर के दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बस हादसे को पांच वर्ष बीत चुके हैं। अब तक यही तय नहीं हुआ कि इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार था। हादसे में मृत पांच बच्चों के माता-पिता को अब भी न्याय का इंतजार है। हादसे में न जिम्मेदारी तय हो सकी, न मृतकों के स्वजन को मुआवजा मिल सका। इस हादसे को लेकर हाई कोर्ट में दायर छह अलग-अलग याचिकाओं में शुक्रवार को अंतिम बहस होना थी, जो एक बार फिर टल गई। मामले में अब आठ फरवरी को अंतिम बहस होगी।
गौरतलब है कि 5 जनवरी 2018 को दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसा इतना भयंकर था कि इसमें स्कूल बस में सवार पांच बच्चों सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। कई बच्चे गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। महीनों तक उनका इलाज चलता रहा। हादसे के बाद हुई जांच में यह बात सामने आई थी कि घटना के वक्त बस 80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ रही थी। उसमें सुरक्षा मानकों का पालन भी नहीं किया जा रहा था। इसके अलावा भी कई खामिया सामने आईं थीं।
हाई कोर्ट में दायर हैं छह याचिकाएं
हादसे के जिम्मेदारों पर कार्रवाई और मृतकों के स्वजन और घायलों को पर्याप्त मुआवजा दिलाए जाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में छह जनहित याचिकाएं दायर हुई। शुक्रवार को इनमें ही अंतिम बहस होना थी, लेकिन एक याचिकाकर्ता की तरफ से वकील उपलब्ध नहीं होने से बहस टल गई।
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