
बीजिंग। चीनी वैज्ञानिक दुनिया का पहला ऐसा प्रेग्नेंसी रोबोट बनाने का दावा कर रहे हैं, जो कृत्रिम गर्भाशय के जरिए इंसानी बच्चे को जन्म दे सकेगा। काइवा टेक्नोलॉजी के संस्थापक डॉ. झांग क्यूफेंग का कहना है कि 2026 तक इसका प्रोटोटाइप तैयार हो सकता है। इसकी अनुमानित कीमत करीब 10 लाख रुपये होगी।
इसमें कृत्रिम गर्भाशय होगा, जिसमें एम्नियोटिक फ्लूइड और पोषण पहुंचाने के लिए ट्यूब लगी होगी। यह गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म तक की प्रक्रिया को संभालने में सक्षम होगा। 2017 में अमेरिका में बायोबैग प्रयोग से यह साबित हो चुका है कि समय से पहले जन्मे मेमने को कृत्रिम गर्भाशय में जीवित रखा जा सकता है।
डॉ क्यूफेंग का कहना है कि निषेचन और भ्रूण प्रत्यारोपण जैसी जटिल प्रक्रियाएं अभी भी रोबोट में दोहराना कठिन हैं। मां के गर्भ में हार्मोन और प्रतिरक्षा प्रणाली की भूमिका को तकनीकी रूप से पूरी तरह कॉपी करना संभव नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि इंसानी बच्चों के लिए यह तकनीक सुरक्षित बनने में अभी 10-20 साल लग सकते हैं। हालांकि इसे बांझपन की समस्या से जूझ रहे दंपतियों के लिए नया विकल्प माना जा रहा है। समय से पहले जन्मे बच्चों को बचाने में मददगार होगा। भविष्य में घटती जन्म दर वाले देशों के लिए समाधान।
मां-बच्चे के भावनात्मक संबंध प्रभावित होंगे?
अंडाणु और शुक्राणु की आपूर्ति को लेकर कानूनी और नैतिक दुविधा तो होगी ही, इसके साथ ये रोबोट प्रेग्नेंसी महिलाओं की भूमिका और पारिवारिक ढांचे पर असर डाल सकती है। फिलहाल यह तकनीक विज्ञान की प्रयोगशाला से बाहर आने में समय लेगी। अभी निकट भविष्य में रोबोट से इंसानी बच्चे पैदा करना संभव नहीं है, लेकिन समय से पहले जन्मे शिशुओं को बचाने में यह तकनीक क्रांतिकारी साबित हो सकती है।
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