
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति का पद त्याग चुके जगदीप धनखड़ जिस नए बंगले में शिफ्ट थे उसमें महज 15 महीने ही रह पाए। अब उन्हे ये बंगला छोडक़र टाइप 8 में जाना पड़ेगा। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। धनखड़ (74) पिछले साल अप्रैल में संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड पर नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में स्थानांतरित हो गए थे।
उपराष्ट्रपति के आवास और कार्यालय वाले एन्क्लेव का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत किया गया था। धनखड़ को लगभग 15 महीने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रहने के बाद उसे छोडऩा होगा। अधिकारी ने कहा, उन्हें (धनखड़) लुटियंस दिल्ली या किसी अन्य इलाके में टाइप आठ का बंगला देने की पेशकश की जाएगी। टाइप आठ का बंगला आमतौर पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों या राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को आवंटित किया जाता है। टाइप 8 बंगला आमतौर पर सबसे बड़े और सबसे शानदार सरकारी आवासों में से एक होता है। इसमें कई बेडरूम (4-6 या अधिक), बड़े लिविंग रूम, डाइनिंग एरिया, स्टडी रूम, और अन्य आधुनिक सुविधाएं हो सकती हैं। ये बंगले आमतौर पर प्रमुख शहरों के विशेष क्षेत्रों, जैसे लुटियंस दिल्ली (नई दिल्ली में), या अन्य विशेष सरकारी कॉलोनियों में स्थित होते हैं। इनमें बड़े बगीचे, गैरेज, कर्मचारी क्वार्टर, उच्च सुरक्षा, और अन्य प्रीमियम सुविधाएं शामिल हो सकती हैं। नई दिल्ली में लुटियंस जोन में टाइप 8 बंगले अक्सर मंत्रियों, सुप्रीम कोर्ट के जजों, या शीर्ष नौकरशाहों को आवंटित किए जाते हैं। बता दें कि धनखड़ के सोमवार रात अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने से ऐसी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है कि क्या यह ‘स्वास्थ्य’ कारणों से दिया गया है या इसके पीछे ‘कुछ और वजह’ है। आमतौर पर, किसी उच्च पदस्थ व्यक्ति के हटने पर उसकी प्रशंसा की जाती है, लेकिन धनखड़ के मामले में सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से ऐसी कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली।
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