
अगरतला
इस साल पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसी संभावना है कि मार्च महीने में यहां चुनाव हो सकते हैं। चुनाव से महज तीन महीना पहले कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। त्रिपुरा में बड़ा अपडेट शुक्रवार को तब सामने आया जब सीटों के संभावित समायोजन के करीब पहुंचते हुए माकपा और कांग्रेस ने आगामी त्रिपुरा चुनाव साथ मिलकर लड़ने के लिए औपचारिक बातचीत शुरू की।
पिछले साल मई में भाजपा ने बिप्लब देव की छुट्टी करके राज्यसभा सांसद माणिक साहा को त्रिपुरा की कमान सौंपी थी। इस साल मार्च में यहां विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। चुनाव को लेकर तमाम दल सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस एआईसीसी त्रिपुरा प्रभारी अजय कुमार राज्य पार्टी महासचिव प्रशांत भट्टाचार्य के साथ शुक्रवार रात को अगरतला में सीपीआई-एम त्रिपुरा राज्य मुख्यालय का दौरा किया और सीपीआई-एम त्रिपुरा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी के नेतृत्व वाले वाम नेताओं के साथ बैठक की, जो कि त्रिपुरा के पूर्व मंत्री भी हैं। बैठक के बाद अजय कुमार ने कहा कि त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में भगवा पार्टी को हराने के लिए कांग्रेस सभी भाजपा विरोधी दलों से एक साथ आने का आग्रह कर रही है।
उन्होंने मीडिया से कहा, "त्रिपुरा को नौकरी और भय और हिंसा से मुक्ति चाहिए। बीजेपी को सत्ता से बेदखल करना चाहिए।" सीपीआई-एम केंद्रीय समिति के सदस्य चौधरी ने कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक के विवरण का खुलासा किए बिना कहा कि सीट समायोजन की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है और दोनों पार्टियों के बीच सीट समायोजन को अंतिम रूप देने के लिए इस तरह की और बैठकें आयोजित की जाएंगी।
इससे पहले माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी त्रिपुरा में आगामी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस और आदिवासी आधारित पार्टी टिपरा (टिपराहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन) के साथ सीट समायोजन करने के लिए तैयार है।
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