
भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून के बाद से कुत्ते और बिल्लियां उग्र हो रहे हैं और उनके द्वारा लोगों को काटने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले 6 महीनों में 800 से ज्यादा लोगों को बिल्लियों ने काटा है। जबकि 5000 से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा है। भोपाल में हर दिन लगभग दो दर्जन से ज्यादा लोग कुत्तों के काटने का शिकार हो रहे हैं। मौसम बदलने के साथ ही जानवरों के काटने के मामले बढ़ जाते हैं।
भोपाल में खासतौर से कुत्ते और बिल्लियां लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। पिछले कुछ महीनों में इनके काटने के मामले बहुत बढ़ गए हैं। इससे लोग डरे हुए हैं। अस्पतालों में एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाने वालों की भीड़ लगी रहती है। कुत्ते बच्चों, युवाओं और बूढ़ों को अपना शिकार बना रहे हैं। पिछले 6 महीनों के आंकड़े बताते हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी को बिल्ली या कुत्ता काट ले, तो तुरंत एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाएं। यह इंजेक्शन संक्रमण से बचाता है। इसमें लापरवाही नहीं करनी चाहिए। अगर आपके पास पालतू बिल्ली या कुत्ता है, तो उन्हें हर साल एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाएं। हर 6 महीने में उनका चेकअप भी करवाएं।
डॉक्टर दे रहे जागरूक रहने की सलाह
डॉक्टरों का यह भी कहना है कि जागरूकता से ही बचा जा सकता है। वे लोगों से अपील करते हैं कि वे अपने पालतू जानवरों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाएं। सडक़ों पर घूमने वाले कुत्तों को पकडक़र उन्हें भी इंजेक्शन लगाया जाता है। उनकी नसबंदी भी की जाती है। लोगों को जागरूक होना चाहिए। उन्हें अपने पालतू जानवरों का ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि 96 फीसदी से ज्यादा मामलों में रेबीज कुत्ते के काटने से होता है। चार प्रतिशत मामलों में रेबीज बिल्ली के काटने से होता है। लेकिन दोनों के काटने के बाद एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाना ज़रूरी है।
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